दंगों में लगभग 60 लोग मारे गए और हजारों लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा, जिससे पड़ोसी जिला मेरठ और शामली भी प्रभावित हुआ।
मुजफ्फरनगर की एक सत्र अदालत ने 2013 के दंगों के दौरान जिले के लंक गांव में अपने पड़ोसी की हत्या और लूट के मामले में 20 लोगों को बरी कर दिया। फैसला मंगलवार को सुनाया गया।
दंगों में लगभग 60 लोग मारे गए और हजारों लोग विस्थापित हुए, जिससे पड़ोसी जिले मेरठ और शामली भी प्रभावित हुए।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमलापति ने पाया कि अभियोजन पक्ष आरोपों से संबंधित “उचित साक्ष्य” प्रस्तुत करने में विफल रहा है। बरी किए गए लोगों पर 8 सितंबर, 2013 को गोली मारकर हत्या करने से पहले लंक गांव के अपने पड़ोसी अब्दुल हसन का गला काटने का आरोप लगाया गया था।
दंगों के मामलों में अब तक कुल 1,198 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी किया जा चुका है।