
उत्तर प्रदेश। यूपी के 18 जिलों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में छात्राओं के भोजन के नाम पर 9 करोड़ रुपये अधिकारियों द्वारा निकालने का मामला सामने आया है, जबकि आरोप है कि, कोविड के बढ़ते मामलों के कारण कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की छात्राओं को उन्हे उनके घर भेजा जा चुका था, उसके बाद भी छात्राओं के दैनिक खर्चों से लेकर भोजन करने तक में व्यय होने वाले सरकारी पैसों को संबन्धित विभागीय अधिकारियों ने निकाल लिया है, जो पूरे यूपी में 18 जिलों को मिलाकर तकरीबन 9 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।
यह मामला प्रकाश में आते ही शासन ने उन सभी जिलों के बीएसए से जवाब तलब भी किया है। शासन के इस आदेश के बाद बीएसए कार्यालयों में हड़कंप मचा हुआ है।
लोगों में चर्चायें हैं कि जब कोरोना काल में विद्यालय बंद थे और छात्राएं घर पर थीं तो विभागीय अधिकारियों ने इतना पैसा निकाल कर खर्च कहाँ किया। इस मामले में उपलब्ध एक दरतवेज के अनुसार 11 फरवरी 2021 से लेकर 31 मार्च 2021 के बीच 9 करोड़ निकाले गए हैं।
कस्तुरबा विद्यालय तो बंद थे पर भ्रष्टाचार खुला था ,बन्द विद्यालय के संचालन के लिए धन कैसे निकाला गया @drdwivedisatish आपका ही महकमा है न ?आपकी जिम्मेदारी भी? pic.twitter.com/TlV8WDkb6B
— Juhie Singh (@juhiesingh) May 31, 2021
इस मामले के सामने आते ही समाजवादी पार्टी प्रवक्ता जूही सिंह ट्वीट करते हुये यूपी सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी पर निशाना साधते हुये लिखती हैं कि, ‘कस्तूरबा विद्यालय तो बंद थे पर भ्रष्टाचार खुला था, बन्द विद्यालय के संचालन के लिए धन कैसे निकाला गया, मंत्री सतीश द्विवेदी जी आपका ही महकमा है न?आपकी जिम्मेदारी भी?