आप सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने एक बयान में कहा कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार, कुंभ के आयोजन के लिए आवंटित 2,700 करोड़ रुपये के खर्च में ”भारी अनियमितताएं” हुई हैं।
कैग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, आम आदमी पार्टी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर इलाहाबाद में आयोजित 2019 कुंभ मेले के आयोजन में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया।
आप सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने एक बयान में कहा कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार, कुंभ के आयोजन के लिए आवंटित 2,700 करोड़ रुपये के खर्च में “भारी अनियमितताएं” हुईं।
उन्होंने आरोप लगाया कि ऑडिट में पाया गया कि फंड का उपयोग करके खरीदे गए 32 ट्रैक्टरों को कार मोपेड और स्कूटर की संख्या के तहत पंजीकृत किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘यह एक छोटा सा उदाहरण है, लेकिन इसके आधार पर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कुंभ के नाम पर कितना भ्रष्टाचार हुआ।
“अयोध्या में राम मंदिर हो या प्रयागराज में कुंभ, भाजपा भ्रष्टाचार में लिप्त होने का कोई मौका नहीं जाने दे रही है। मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा से कम से कम धर्म को बख्शने के लिए कहना चाहता हूं।
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश के लोग आपकी वास्तविकता को देख रहे हैं और उचित समय पर जवाब देंगे।”
नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 कुंभ के एक ऑडिट में करोड़ों रुपये का फिजूल खर्च पाया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी विकास विभाग ने कुंभ मेला अधिकारी को 2,743.60 करोड़ रुपये मंजूर किए थे और इसमें से 2,112 करोड़ रुपये जुलाई 2019 तक खर्च किए गए थे।
इसके अलावा विभिन्न विभागों ने सामग्री की खरीद और कुंभ से संबंधित कार्यों के लिए अपने बजट से राशि जारी की। हालांकि, मेला अधिकारी ने अन्य विभागों द्वारा जारी धन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी इसलिए, कुल खर्च का पता नहीं लगाया जा सका।
ऑडिट के अनुसार, कुंभ के लिए उपकरणों की खरीद के लिए राज्य आपदा राहत कोष से गृह (पुलिस) विभाग को 65.87 करोड़ रुपये की राशि भी आवंटित की गई थी, हालांकि इस फंड का उपयोग केवल तत्काल राहत प्रदान करने के लिए किया जाना है। जैसे – चक्रवात, सूखा, भूकंप और आग आदि से प्रभावित लोगों के लिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय स्वीकृति से अधिक राशि पर काम करवाने या बिना किसी वित्तीय मंजूरी के काम करवाने के भी उदाहरण मिले हैं।
रिपोर्ट में यह कहा गया कि,- नगर विकास विभाग ने मेला क्षेत्र में टिन, टेंट, पंडाल व बैरिकेडिंग कार्य कराने के लिए 105 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, जबकि मेला अधिकारी ने 143.13 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
राज्य सरकार ने 19 अगस्त को उत्तर प्रदेश विधानसभा में सीएजी की रिपोर्ट पेश की थी।