संत कबीर नगर।आर्य वीर दल संतकबीरनगर द्वारा संत कबीर मठ मगहर संत कबीर नगर में आयोजित चरित्र निर्माण शिविर के समापन के अवसर पर आर्य वीरों द्वारा भव्य कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित जिला अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में क्रीड़ा अधिकारी श्री दिलीप जी बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अनुशासन में रहकर बच्चों ने विभिन्न प्रकार के रोचक प्रदर्शन किए जो कि अतुलनीय है प्रशिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे ही रोचक शिविरों, कार्यक्रमों के माध्यम से युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाया जा सकता है जिसकी आज समाज में आवश्यकता है। वरिष्ठ समाजसेवी गिरिवर चौधरी ने कहा कि बच्चे राष्ट्र की अमल्य निधि होते हैं इनका संरक्षण माता पिता और आचार्य के माध्यम से होता है। उत्तम संस्कारवान माता-पिता ही अपने बच्चों को सक्षम गुरू के हाथों में सौंप पाते है जिससे उनका अतुलनीय निर्माण हो पाता है। आर्य वीर दल निश्चित रूप से ऐसी ही पौध तैयार कर रहा है। विशिष्ट अतिथि आर्य वीर दल पूर्वी उत्तर प्रदेश के संचालक प्रमोद आर्षेय ने कहा कि आर्य वीर दल सबसे प्रीति पूर्वक धर्मानुसार यथा योग्य व्यवहार की शिक्षा देता है इन्हीं संकल्पों से युक्त हमारे देश का युवा अपने राष्ट्र को निरन्तर रक्षित करता रहता है।
इस कार्यक्रम में अंश आर्य बस्ती ने शिविर श्रेष्ठ का पुरस्कार प्राप्त किया वहीं शारीरिक में आर्य वीर आशीष आर्य, बौद्धिक में विशाल कुमार चौरसिया एवं अनुशासन में आदित्य कुमार ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। इससे पूर्व अतिथियों के द्वारा परेड निरीक्षण कराया गया तथा मार्च पास करते हुए आर्य वीरों को सलामी दी गयी। अन्य प्रमुख अतिथियों का तिलक लगाकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ ईश वन्दना से किया गया। इसके पश्चात मुख्य प्रशिक्षक विनय आर्य एवं राहुल आर्य के नेतृत्व में आर्य वीरों द्वारा प्रस्तुत संगीतमय सर्वांग सुन्दर व्यायाम, सूर्य नमस्कार, भूमि नमस्कार देखकर उपस्थित अभिभावक एवं अन्य गणमान्य गदगद हो रहे थे वहीं युवा नई चेतना प्राप्त कर रहे थे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए शिविर अध्यक्ष ओम प्रकाश आर्य ने कहा कि आज घर-घर में आर्य वीरों की आवश्यकता है। आर्य वीर अपने देश के साथ कभी धोखा नहीं कर सकता समाज के साथ गद्दारी नहीं कर सकता। इतिहास साक्षी है कि जब-जब राष्ट्र पर कोई संकट आया है तब-तब आर्य वीरों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर देश को बचाया है।
शिविर संचालक महंत विचार दास जी ने कहा कि इस शिविर को ब्लाक स्तर के विद्यालयों में गैर आवासीय रूप से लगाया जाय। तभी गाॅव-गाॅव से चरित्रवान नागरिक निकल सकेंगे। इसके पश्चात बच्चों ने प्रशिक्षक विनय आर्य के सानिध्य में आत्मरक्षार्थ लाठी, जूडो कराटे, त्रिदेश मुष्टि प्रहार, अर्द्धमुष्टि प्रहार, हस्ततल प्रहार आदि का प्रदर्शन कर लोगों को क्रान्तिकारियों का दर्शन कराया। योगासनों एवं व्यायामों के माध्यम से बच्चों ने विभिन्न प्रकार के स्तूप, मानव पुल एवं हिमालय सहित दर्जन भर दृश्यों का प्रदर्शन किया साथ ही आग के गोले में दो-दो बच्चों ने एक साथ छलांग लगाई। शिविर संचालक देवव्रत आर्य ने कहा कि बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार ही बनने दें साथ ही अभिभावकों को अपने बच्चों को आर्य वीर दल के चरित्र निर्माण शिविर में अवश्य भेजें तभी उनका निर्माण सम्भव है।
अन्त में जिला प्रभारी एवं शिविर व्यवस्थापक अशोक आर्य एवं राजेश आर्य ने कार्यक्रम में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहभागी लोगों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अलख निरंजन आर्य, ओंकार आर्य, ब्रह्मानंद पाण्डेय, कौशल आर्य, गरुणध्वज पाण्डेय, सुधि राम विश्वकर्मा, रामकेश विश्वकर्मा, श्रीमती अनीता जयसवाल, कुमारी अंजली आर्य, माधुरी गुप्ता, संगीता श्रीवास्तव, विद्यासागर आनंदसागर सुधा विश्वकर्मा, महिमा आर्य, गणेश आर्य, घनश्याम कसेरा, चंद्रप्रकाश आर्य, ब्रह्म देव पुरोहित, श्रीमती सुनीता विश्वकर्मा, मिथिलेश गुप्ता, श्रीमती उषा देवी, मुस्कान आर्य, सुनंदा आर्य, हीरालाल आर्य, सीता राम आर्य एवं आर्य वीरों के अभिभावक सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।