बस्ती। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परिषदीय व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए तरह-तरह के कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन विभागीय जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बच्च ज्ञान-विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
बस्ती जिले के सल्टौआ गोपालपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत रेंगी में स्थिति पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों और वहां के शैक्षणिक माहौल को जानने के लिए बस्ती खबर ने स्कूल की शैक्षिक स्थितियों की समीक्षा की तो पता चला कि, यहां के बच्चों को गणित और विज्ञान की बेसिक जानकारी भी नही है।
गणित और विज्ञान, विषयों के प्रति छात्रों को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा गणित की अच्छी किताबों की लाइब्रेरी एवं विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित प्रोजेक्ट बनवाने और उसके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए विज्ञान किट उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन, पूर्व माध्यमिक विद्यालय रेंगी में यह किताब और किट बक्से के अंदर धूल फांक रहा है।
विद्यालय में मिलने वाले भोजन में छात्रों की रुचि नहीं!
स्कूल में बनने वाले मिड-डे-मील में गुणवत्ता न होने के नाते बच्चे उसे खाने की बजाय फेंक देते हैं। मिड डे मील में बनने वाले तहरी, दाल और सब्जी ऐसे बनता है जैसे कि अस्पताल में भर्ती बीमार मरीज को खिलाने के लिए बिना तेल मसाले वाले भोजन हो।
बस्ती खबर टीम ने देखा कि, सब्जी और खिचड़ी फेंकी गई थी। देखने से ऐसा लगा कि बच्चे हर दिन ऐसे भोजन को खाने के बजाय फेंक देते होंगे। जानकारी करने पर पता चला कि, स्कूल में बच्चों को मिलने वाला फल और दूध भी कभी कभार ही मिलता है। जबकि, स्कूल में केवल 6 बच्चों की ही उपस्थित मिली, उसके बाद भी गुणवत्तापूर्ण भोजन बच्चों को नही मिल पा रही है।
पू.मा.वि. की प्रधानाध्यापिका रंजना चौधरी ने बताया कि, “हमें विद्यालय के रखरखाव के लिए जो भी पैसे मिलते हैं वह काफी कम होते हैं, उसी में काम चलाना पड़ता है। विद्यालय में बैठने के लिए ऑफिस तक की व्यवस्था नहीं है।”