समाधान दिवस के प्रार्थना पत्र में मागे गए उपचार/अनुतोष से पृथक रिपोर्ट लगाकर प्रश्नगत बिंदुओं से ध्यान भटका कर मामले की लीपापोती कर दी जाती है।
रुधौली/बस्ती। जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण एंव सरकारी महकमों की कार्यशैली ठीक कराने के उद्देश्य से समाधान दिवस का आयोजन किया जाता है। किंतु तहसील समाधान दिवस में आम जनता की शिकायतों की सुनवाई नहीं होने से समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। परिणाम स्वरूप जनता उच्च अधिकारियों के पास चक्कर काटने को विवश होती है।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि आमतौर पर उच्चाधिकारी समस्या को निपटाने की जिम्मेदारी उसी अधिकारी को सौंप देते हैं जिनकी अनदेखी अथवा साठगांठ से समस्याएं खड़ी होती हैं।
रुधौली तहसील के अंतर्गत ग्राम मल्हवार के गाटा संख्या 212छ रकबा 0.032हे० जो सरकारी अभिलेखों में गढ़ही दर्ज है, जिसमें गांव के फिदा हुसैन के नाबदान का पानी जाता था। गढही पर गांव के लोगों ने अतिक्रमण कर उसे पाट दिया। 3 नवंबर 2020 को समाधान दिवस में फिदा हुसैन की शिकायत पर एडीएम ने एस०डी०एम/बी०डी०ओ को सीमाकंन कर गढही खनन कराने का निर्देश दिया। लेखपाल अंनत कुमार ने दो भाईयों का विवाद बताते हुए ग्राम प्रधान से खनन कराने की रपोर्ट लगाकर मामले को रफा-दफा कर दिया, न तो गढ़ही खाली हुई न गढ़ही पर अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध कोई कार्यवाई हुई।
विवश होकर फिदा हुसैन ने 18 सितंबर 2021 को पुन: समाधान दिवस पर कमिश्नर के उपस्थिति में, उसी गढ़ही पर अतिक्रमण की शिकायत की, किंतु लगभग एक वर्ष बीतने को है, समाचार लिखे जाने तक अतिक्रमणकारियों को विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। शिकायतकर्ता को कोई राहत नहीं मिली।
18 सितंबर 2021 को समाधान दिवस पर पुलिस-5, राजस्व-1, पूर्ति-12, विकास-13, एडीओ पंचायत- एक, विद्युत-आठ, नगर पंचायत-एक, शिक्षा-एक, कुल 52 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। जिसमें राजस्व की पांच शिकायत में तत्काल निस्तारित कर दी गई।
इसी प्रकार विगत 4 सितंबर 2021 के समाधान दिवस में मिली 54 शिकायतों में से राजस्व और विकास की दो-दो शिकायतें तत्काल निस्तारित कर दी गई। किंतु शिकायतों के निस्तारण की जमीनी हकीकत कुछ और है।
समाधान दिवस के प्रार्थना पत्र मे मागे गए उपचार/अनुतोष से पृथक रिपोर्ट लगाकर प्रश्नगत बिंदुओं से ध्यान भटका कर मामले की लीपापोती कर दी जाती है।
बिल्कुल सही समाधान दिवस पर ऐसे ही लीपापोती हो रही है बार-बार शिकायत रिपीट करने पर भी न्याय नहीं मिलता है क्योंकि जो दोषी अधिकारी है उसी को जांच मिलती है वह अपने विरुद्ध कैसे रिपोर्ट लगाएगा