बस्ती। आर्य समाज नई बाजार बस्ती के तत्वाधान में स्वामी दयानंद विद्यालय सुर्तीहट्टा बस्ती में चल रहे श्रावणी उपाकर्म एवं वेदप्रचार सप्ताह में लोगों के घर वैदिक यज्ञ के माध्यम से उन्हें स्वाध्याय-संस्कार की प्रेरणा दी जा रही है। आमजनमानस को अपने आस पास की स्वच्छता, पानी की बचत करना, कूड़ा प्रबंधन आदि की प्रेरणा भी दी जा रही है जिससे लोग यज्ञ की ओर आकर्षित होकर उसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं।
आज नई कालोनी करूवा बाबा गली बस्ती में वैदिक यज्ञ का आयोजन अचला गिरोत्रा व जितेन्द्र यादव के नेतृत्व में किया गया जिसमें आनन्द कुमार उमा गुप्ता सपरिवार यजमान रहीं। आचार्य ओमव्रत ने जीवन में संस्कारों की आवश्यकता विषय बोलते हुए कहा कि, जिस क्रिया से शरीर मन और आत्मा उत्तम हो उसे संस्कार कहते हैं। संस्कार निर्माण की वह प्रक्रिया है जिससे दुर्गुणी व्यक्ति भी सदगुण को धारण कर समाज में प्रेरणा स्रोत बन सकता है। जैसे सुनार अशुद्ध सोने को अग्नि में तपा कर उसे शुद्ध कर देता है वैसे ही वैदिक संस्कृति से युक्त संस्कार करने से बालक योग्य युवक व नागरिक बनता है। संस्कार पूर्ण रुप से वैज्ञानिक है जिससे योग्य आचार्य पुरोहित के द्वारा सभ्य एवं संस्कारवान समाज का निर्माण होता है।
पंडित नेम प्रकाश त्रिपाठी ने अपने भजनोपदेश के माध्यम से बताया कि कि आज सोलह संस्कारों में केवल तीन चार संस्कार का ही प्रचलन है शेष संस्कारों के अभाव में संस्कार विहीन युवक युवतियाँ पथ भ्रमित व नास्तिक होते जा रहे हैं। गर्भाधान से लेकर मृत्यु पर्यंत अंत्येष्टि संस्कार तक 16 संस्कार जब होते थे तब हम समस्त विश्व में सिरमौर थे।
आचार्य देवव्रत आर्य ने बताया गर्भाधान, पुंसवन, सीमंतोन्नयन, जातकर्म, नामकरण निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, कर्णभेदन, उपनयन, वेदारंभ, समावर्तन, विवाह, वानप्रस्थ, सन्यास, एवं अंतेष्टि ये सोलह संस्कार हैं। वेद ने समस्त मानव जाति व वर्णों को 16 संस्कार अनिवार्य बताया है।
ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती का समाज पर बहुत उपकार है। उन्होंने स्त्री शिक्षा, गुरुकुल शिक्षा, गौशाला निर्माण, दलितोद्धार, विधवा विवाह, घर वापसी के साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन के लिए भाई बहनों को तैयार किया और घूम घूमकर पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया।
इस अवसर पर दिलीप कसौधन, मनोरमा, महिमा निषाद, विष्णु मिश्रा, रामकृष्ण जायसवाल, अलख निरंजन आर्य, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके गुप्ता, शिव श्याम, राजेन्द्र जायसवाल, ज्योति गुप्ता, सिमरन गुप्ता, रोशन गुप्ता, हर्षित गुप्ता, शोभित गुप्ता, अरविन्द साहू, शंकर जायसवाल, अनीता जायसवाल, नीलम भाटिया, नीरज साहू, गीता गुप्ता, आरती गुप्ता, अन्नू गुप्ता सहित अनेक बहन भाई सम्मिलित रहे।