
लखनऊ। मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भाजपा संगठन और सरकार ने मिलकर नाम फाइनल कर लिया है।
मंत्रिमंडल विस्तार पर मुहर लगाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व की सहमतित लेने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल दिल्ली पहुंच गए हैं।
योगी मंत्रिमंडल विस्तार के साथ विधान परिषद के लिए जिन एमएलसी को नामित किया जाना है उन पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति को ध्यान में रखते हुए मंत्रीमंडल विस्तार किया जाएगा। इसके लिए जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बैठाने के लिए कई महीनों से चर्चा चल रही है। योगी मंत्रिमंडल विस्तार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जाने की उम्मीद है।
योगी मंत्रिमंडल में अभी 23 कैबिनेट मंत्री,9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं। यानी मंत्रियों की संख्या कुल 54 है। कैबिनेट में अभी 6 मंत्रीपद खाली हैं।अगर योगी सरकार किसी मंत्री को नहीं हटाती है तो सिर्फ 6 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं।
राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा भी है कि कई मंत्रियों को हटाया जा सकता है.
योगी सरकार का 19 मार्च 2017 को गठन हुआ था। जिसके बाद पहल मंत्रिमंडल विस्तार 22 अगस्त 2019 को हुआ था।
कोरोना काल में तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है।कोरोना की दूसरी लहर में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई थी।वहीं पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हुआ था।पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी।
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