बस्ती। सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः का संकल्प लेकर सेवा करने वाली संस्था पतंजलि योग समिति रुधौली बस्ती के योग शिक्षक अनिल कुमार श्रीवास्तव एच एम एस एकेडमी मे लोगों को योग प्रोटोकाल का अभ्यास गत 1जून से कराते हुए लोगों को उसकी उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होने बताया कि भस्त्रिका प्राणायम से हमारे फेफड़ों को विशेष शक्ति प्राप्त होती है और शरीर में आक्सीजन का स्तर बढ़ता है जिससे मनोभाव सकारात्मक हो जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है।
बस्ती से आये योग शिक्षक प्रशिक्षक गरुण ध्वज पाण्डेय ने बताया कि योग का अर्थ है अपने मन व चित्त की वृत्तियों को नियन्त्रित करना। नियन्त्रित मन से किये गये सकारत्मक विचार हमारे शरीर से रोगों व दुखों का शमन करते हैं जिससे हम स्वस्थ होने के साथ साथ सकारत्मक होते हैं। अग्नि, जल, वायु, आकाश और पृथ्वी को हम देवता मानते हैं और इन्हीं देवताओं के साथ चौबीस घण्टे ये देवता हमारा साथ नहीं छोड़ते फिर भी अपने कुसंस्कारों के कारण हम मद्य, मांस, गुटका, बीड़ी, हुक्का जैसे दुर्व्यसनों और झूठ, छल कपट जैसे दुर्गुणों रूपी दानवों का साथ लेकर उनकी कुसंगति में पड़ जाते हैं। योग हमें गलत सोचने, बोलने व करने से रोकता है।
योग शिक्षक अरुण श्रीवास्तव व योग शिक्षिका सरिता सिंह ने बताया कि विश्व योग दिवस से पूर्व योग प्रोटोकाल का अभ्यास करके वातावरण को योगमय करने का प्रयास जारी है जिससे जब पूरा शहर एक साथ योग करे तो शुद्ध आचार विचार का प्रवाह हो सके। इस अवसर पर गरुण ध्वज पाण्डेय ने योग शिक्षिका सरिता सिंह को अष्टांग योग की पुस्तक भेंट कर दैनिक योग करने का सुझाव दिया।