बस्ती। आर्य समाज नई बाजार बस्ती के तत्वावधान में जिले के विद्यालयों और मन्दिरों में वैदिक यज्ञ के माध्यम से भरतीय नव वर्ष का स्वागत किया गया। इस अवसर पर लोग आपस मे एक दूसरे को नूतन वर्ष की बधाईयाँ देते दिखे साथ ही लोगों ने अपने घरों पर ओम का भगवा ध्वज भी लगाया। इस अवसर पर स्वामी दयानन्द विद्यालय के शिक्षकों बच्चों ने यज्ञ कर अपने नए सत्र का शुभारंभ किया।
यज्ञ कराते हुए योग शिक्षक गरुण ध्वज पाण्डेय ने बताया कि, भारतीय नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। इस समय प्रकृति में भी नवीनता रहती है। सर्वत्र वृक्षों के पल्लवित व पुष्पवित होने से हवा औषधि युक्त हो जाती है जिससे पर्यावरण सुहावना हो जाता है। यह समय संक्रमण का होता है वर्तमान में कोरोना की चौथी लहर से लोग भयभीत हो रहे हैं। पर ऋतु अनुकूल दिनचर्या से हम अपने आपको रोगमुक्त रख सकते हैं। कार्यक्रम संयोजक ओम प्रकाश आर्य ने कहा कि नव संवत्सर का स्वागत हमें यज्ञ से करना चाहिए जिससे हम रोगमुक्त रहें।
आदित्य नारायण गिरि ने आज के दिन का महत्व बताते हुए कहा कि, सभी प्रकार के वायरस और कवक से बचाव के लिए यज्ञ सामग्री में अनेकों जड़ीबूटियों का प्रयोग किया गया है। जो कि आर्युवेद के अनुसार विषाणुओं को नष्ट करने में सक्षम हैं। इन औषधीय जड़ी-बूटियों में जावित्री, जायफल, तेज पत्र, चिरायता, भीमसेनी कपूर, अगर, तगर, नागरमोथा, इंद्रजौ, गूगल, बड़ी तथा छोटी इलायची, धूप, लौंग, तुलसी, नीम, पीला तथा सफेद चंदन, हल्दी, देसी खांड, तिल नागकेसर आदि वायरस,जीवाणु एवं फंगल नाशक औषधियां डाली गई हैं। हवन सामग्री में विशेष रूप से गिलोय, तुलसी, नीम, लौंग, किसमिस में सूखे मेवे के साथ चंदन का तेल व गुग्गुल मिला कर दी गई औषधियों से वातावरण तो शुद्ध होता ही है साथ ही रोग नाशक औषधियां जलकर श्वास के माध्यम से भीतर प्रवेश कर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना बढ़ा देती हैं। जिससे शरीर में कोई भी वायरस शरीर के संपर्क में आते ही निष्क्रिय हो जाता है।
इस अवसर पर बच्चों व शिक्षकों ने ऋतु अनुकूल हवन सामग्री व घी से आहुतियां दी। नए सत्र के शुभारम्भ पर बच्चों को वेद के मंत्रों का भाव बताया गया और दिव्य संकल्प के साथ शिक्षा ग्रहण करने की प्रेरणा दी गई।इस अवसर पर दिनेश मौर्य, अरविंद श्रीवास्तव, अनीशा पांडेय, नितेश कुमार, अन्शिका पाण्डेय, दीप लक्ष्मी, रुपा, रिया, शिवांगी आदि उपस्थित रहे।