बस्ती। योग हमारे स्वउपचार तंत्र, मन, मनोविकारों एवं संस्कारों पर एक साथ एक जैसा प्रभाव डालकर प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक रूप से पूर्णरूपेण स्वस्थ कर देता है। हमारा मन, इन्द्रियाॅ शरीर के अन्दर की बनावट आदि से हम अलग नहीं हैं बल्कि मानवमात्र में एक ही प्रकार से रक्त संचार, हॅसना-रोना, बोलना एवं सीखना होता है। ईश्वर ने हमें एक बनाया है और योग मनुष्य मात्र के लिए है जो सभी लोगों में एक तरह से ही कार्य करता है। उक्त बातें योग प्रशिक्षक सुभाष चन्द्र आर्य ने योग शिक्षा देते हुए योग साधकों को बताया साथ ही सूर्य नमस्कार, कटिचक्रासन, एवं बज्रासन का अभ्यास कराया।
प्राणायाम सिखाते हुए सहायक जवाहर यादव ने कहा कि आक्सीजन शरीर के कोशिकाओं के काम करने के लिए बहुत जरूरी तत्व है। जिस क्रिया से आक्सीजन की मात्रा फेफड़ों में बढ़ जाती है तथा कार्बनडाईआक्साइड का निष्कासन फेफड़ों से अधिक होता है उसे प्राणायाम कहते हैं। भस्त्रिका प्राणायाम में जब सांस भरने की क्रिया की जाती है तो रक्तदाब बढ़ता और सांस छोडने की क्रिया से कम होता है। इस प्रकार लगातार 5 मिनट तक करने से रक्त में आक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है और प्रत्येक ऊतक व कोशिका को पयाप्त मात्रा में प्राणवायु प्राप्त होती है। नकसीर का घरेलू उपचार बताते हुए कहा कि पीपल के कोमल पत्तों का तीन बूॅद रस नासिका में डालने से ठीक हो जाता है। अधकपारी के लिए दर्द वाले हिस्से की नासिका में शुद्ध सरसों का तेल तीन बूॅद डालने से अधकपारी जड़ से ठीक होता है।
इस अवसर पर विद्या मिश्रा, हरमिंदर कौर, नेहा त्रिपाठी, पुष्पा सिंह, ऊषा त्रिपाठी, उर्मिला चौधरी, मीरा सिंह, रश्मि, आभा मिश्र, लालपरी, आर सी मिश्र, राजकुमार गुप्ता, भरत तिवारी, रिजवी, रामअचल चौरसिया, भानु बाबू, रामनाथ, सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।